****************
विसाल = मिलन
तसव्वुर = कल्पना
बारहा = बार बार
हिज्र = विरह/जुदाई
यूँ, बाद अरसे के जो तुझे देखा, तो मुझे ये ख़याल आया
आदत सी हो गई थी तेरी कमी की,अब ये विसाल आया
आये हैं मेरी कब्र पर, अश्कों के दो फ़ूल चढाने
हाय!किस वक़्त उन्हें ये,अब मेरा ख़याल आया
तसव्वुर में तेरे, कई बार तुझे छूने की कोशिश की
बारहा अपना ही हाथ छुआ,जब तेरा ख़याल आया
एक कोरे कागज़ पे अश्कों के निशाँ,चंद पीले पत्ते
हाँ, कुछ इसी तरह, हिज्र का उनके, ये हाल आया
आनंद ताम्बे "अक्स"
विसाल = मिलन
तसव्वुर = कल्पना
बारहा = बार बार
हिज्र = विरह/जुदाई
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यूँ, बाद अरसे के जो तुझे देखा, तो मुझे ये ख़याल आया
आदत सी हो गई थी तेरी कमी की,अब ये विसाल आया
आये हैं मेरी कब्र पर, अश्कों के दो फ़ूल चढाने
हाय!किस वक़्त उन्हें ये,अब मेरा ख़याल आया
तसव्वुर में तेरे, कई बार तुझे छूने की कोशिश की
बारहा अपना ही हाथ छुआ,जब तेरा ख़याल आया
एक कोरे कागज़ पे अश्कों के निशाँ,चंद पीले पत्ते
हाँ, कुछ इसी तरह, हिज्र का उनके, ये हाल आया
आनंद ताम्बे "अक्स"
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