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शबनम = ओस की बूँदें
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चाँद रोया देर तक तन्हा,तेरे जाने के बाद
शबनम गवाह है इसकी, तेरे जाने के बाद
मालूम था बिछुड़ना है,हँसता रहा वो सामने
आँखें नम हो गई उसकी, तेरे जाने के बाद
ग़म के बादल छाये रहे,अश्क बरसे देर तक
कुछ यूँ हुई बरसात अबकी,तेरे जाने के बाद
छोड़ गयीं बूँदें जैसे, कोई बदली सावन की
आँखों से नमी जाती नहीं,तेरे
जाने के बाद
वो शायर,वो दीवाना,तुझे चाहता था बहुत
मौत हो गई जिसकी, तेरे जाने के बाद
कैद करके दिल को,अल्फाज़ों ने बढ़ाये फासले ऐसे
कि रुक गये कदम उस मोड़ पर,तेरे जाने के बाद
मालूम था अंजाम,अपनी
दास्तान का होगा यूँ,लेकिन
बिनशर्त इश्क की, रह गयीं बातें अनकही,तेरे जाने के बाद
आँखें हुईं लाल,फैले
काले साये,हुआ रंग दर्द का और भी गहरा,मुस्कुराहटें भी फ़ीकी
इस कदर बदले हैं रंग "अक्स" के,सोचता
हूँ,मेरा असली रंग था क्या,तेरे जाने के बाद
आनंद ताम्बे "अक्स"
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