Friday, May 11, 2012

आज होठों पे गीत नया आया है


आज होठों पे गीत नया आया है
फिर हमने कोई दर्द सा छुपाया है...(२ बार)

हुए किस्से पुराने शमा औ परवाने के,
क्या मिला है यूँ वस्ल औ फिराक से,
गुंचा औ गुलखार की क्या कहें
सीखा है हमने तो, कुछ खाक से.

करता है बाते हकीकत की,
एक शायर नया आया है...(२ बार)
आज होठों पे गीत नया आया है
फिर हमने कोई दर्द सा छुपाया है...(१ बार)

दूर नहीं है मजिल तुझसे,
चंद कदम ही मांगे हैं तुझसे,
कुछ ऐसा ही बताते हुए,
रहनुमा ने कहा मुझसे.

तुम्हे पानी है अकेले मंजिल,
मैंने तो सिर्फ रास्ता बताया है...(२ बार)
आज होठों पे गीत नया आया है
फिर हमने कोई दर्द सा छुपाया है...(१ बार)

तुम भुला दो मुझे शायद,
चंद लम्हों का सपना समझकर
"अक्स" बातें करता है यूँ तो,
गैरों को अपना समझकर.

एक मुद्द्त के बाद सही,
"अक्स" फिर मुस्कुराया है...(२ बार)

आज होठों पे गीत नया आया है...(३ बार)

आनंद ताम्बे "अक्स"